Electric Vehicle Market: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। किफायती मॉडल और अच्छे ऑफर्स आने के बाद ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कुछ वर्ष पहले तक इलेक्ट्रिक वाहन महंगे थे, लेकिन अब इनकी कीमतें पेट्रोल कारों के बराबर हो गई हैं। देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का योगदान तेजी से बढ़ रहा है। थिंक मोबिलिटी की रिपोर्ट के अनुसार, 36% ग्राहक अब इलेक्ट्रिक कार खरीदने की योजना बना रहे हैं।
ऑटो ऑटो एक्सपो में EVs का जलवा

इस बार के ऑटो एक्सपो में अधिकांश कंपनियों ने इलेक्ट्रिक कारों पर ध्यान केंद्रित किया। कार निर्माता अपनी नई रेंज को हर जरूरत और बजट के अनुसार पेश कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग में तेजी आई है।
इलेक्ट्रिक कारें बन रही हैं महिलाओं की पसंद
थिंक मोबिलिटी नाम की एक कंपनी ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी इलेक्ट्रिक कारें खरीदने में दिलचस्पी ले रही हैं। यह रिपोर्ट गूगल और BCG नाम की दो बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर बनाई गई है। इलेक्ट्रिक कारों की मांग भारत में बहुत तेजी से बढ़ रही है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क जैसे देशों में।यानी, भारत में इलेक्ट्रिक कारें अब सिर्फ पुरुषों की पसंद नहीं रह गई हैं, बल्कि महिलाएं भी इन्हें पसंद करने लगी हैं।हाल ही में SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) की ओर सस्टेनेबिलिटी सर्कुलरिटी का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहे। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक कारें बहुत अच्छी हैं क्योंकि ये हवा को प्रदूषित नहीं करतीं हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2030 का टारगेट
भूपेंद्र यादव ने यह भी कहा कि शून्य उत्सर्जन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भारत में इलेक्ट्रिक ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देना अब काफी जरूरी हो गया है। हमारा लक्ष्य 2030 तक इलेक्ट्रिक व्हीक्ल्स को 50% तक लेकर जाना रहेगा। पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री काफी अच्छी देखने को मिली है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी इलेक्ट्रिक कार ज्यादा लुभा रही हैं। इस साल कई नए मॉडल बाजार में आने को तैयार हैं, ऐसे में उम्मीद है कि EV बाजार और बड़ा होगा।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग क्यों बढ़ रही है?
बढ़ती ईंधन कीमतें और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता को कम करने की आवश्यकता।
सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और कर में रियायतें।पर्यावरणीय जागरूकता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में प्रयास।
इलेक्ट्रिक वाहनों की परिचालन लागत पारंपरिक वाहनों की तुलना में कम होना।
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में हो रहे निरंतर सुधार।
भारत में इलेक्ट्रिक कारों को अपनाने में क्या चुनौतियां हैं?
चार्जिंग स्टेशनों की सीमित उपलब्धता।
बैटरी की उच्च लागत और सीमित जीवनकाल।
चार्जिंग में लगने वाला समय।
पारंपरिक कारों की तुलना में कम ड्राइविंग रेंज।
सार्वजनिक जागरूकता की कमी और तकनीकी समझ का अभाव।